Kisi se Baat karna , Bolna acha nahi lagta
Tujhe Dekha hai jab se , Doosra acha nahi lagta
Teri ankhon main jab se maine apna aks Dekha Hai
mere chahre ko koi aina acha nahi lagta…
Tere Baare main Din Bhar sochti Rehti Hoon main lekin
Tere Baare main sab se Poochna acha nahi lagta
Yahan Mohabbat karne wale Barbaad Rehte hain…
yeh Darya Hai issey kacha Gharra acha nahi lagta
MAIN ab chahat ki us Manzil per aan Punhcha Hoon,
Teri Jaanib kisi ka Dekhna acha nahi lagta…
Thursday, February 24, 2011
Wednesday, February 16, 2011
Friday, July 3, 2009
बेचारा एक अखबार
महोदय,
बेचारा एक अखबार
जाने कितना लाचार
ख़ुद से ही बेखबर
लेकर वही खबर
पड़ पड़ कर ख़ुद शब्द ही खीसे
रोजाना वही आतंकवाद
सगे भाइयो का विवाद
गिरती हुई सरकार
सामूहिक बलात्कार
रिश्वत की अंधी खाई
संसद की हाथा पाई
वह इस्तीफा और शपथ
विधान खून से लत पथ
तंदूर की जलती आच
फिर सीबीआई की जाच
कोई जाच मैं निर्दोस
इस मैं किसका दोषः
पंडित मूला की जिद
वही बाबरी मस्जिद
मन्दिर मैं फुटा बम
नकली दावा से निकला दम
फिर पकडाये जाली नोट
बोतल के बदले मैं वोट
पड़ पड़ कर जिसे थके हम
जाने कब होगा ख़तम
हादसों का सिलसिला
लुटेरो का काफिला
कब तक बने शिकार
बेचारा एक अखबार
बेचारा एक अखबार
जाने कितना लाचार
ख़ुद से ही बेखबर
लेकर वही खबर
पड़ पड़ कर ख़ुद शब्द ही खीसे
रोजाना वही आतंकवाद
सगे भाइयो का विवाद
गिरती हुई सरकार
सामूहिक बलात्कार
रिश्वत की अंधी खाई
संसद की हाथा पाई
वह इस्तीफा और शपथ
विधान खून से लत पथ
तंदूर की जलती आच
फिर सीबीआई की जाच
कोई जाच मैं निर्दोस
इस मैं किसका दोषः
पंडित मूला की जिद
वही बाबरी मस्जिद
मन्दिर मैं फुटा बम
नकली दावा से निकला दम
फिर पकडाये जाली नोट
बोतल के बदले मैं वोट
पड़ पड़ कर जिसे थके हम
जाने कब होगा ख़तम
हादसों का सिलसिला
लुटेरो का काफिला
कब तक बने शिकार
बेचारा एक अखबार
अभिलाषा तुझे पाने की

अभिलाषा तुझे पाने की कभी कम न होगी
हम शमा बनकर तुम्हारे ऊपर मंडराते रहेंगे
तुम्हें वापिस लेन के लिए हम यूँ ही जलने आते रहेंगे
तुम एक बार दीपक बनकर तो दिखाओ
हम अपनी दोस्ती की खातिर तेरे हाथों ही मौत पते के लिए आते रहेंगे
अगर कभी कोई तूफ़ान भी कोशिश करेगा तुम्हें बुझाने की
तब भी ये दोस्ती कम न होगी तुम्हें अपनाने की
जीतनी बार तूफ़ान तुमसे टकरायेंगे ये हर बार
मेरे दिल में तेरे लिए दोस्ती को बढ़ते जायेंगे
देख कर हमारी दोस्ती को एक दिन खुदा भी तेरी सांसें वापिस देने आएगा
जब वो देखेगा तेरी मेरी दोस्ती को वो भी अपने आंसू रोक नहिएँ पायेगा
कितनी कोशिश करता है समुंदर एक कश्ती को डूबने की
वापिस छोर वो पहुँच जाती है वो कश्ती
अगर किसी में अभिलाषा हो उससे वापिस छोर पर लेन की
क्या हुआ इस वक्त तुम समुंदर की लहरों से लड़ रहे हो
पर कसम है खुदा की अपनी भी अभिलाषा कभी कम न होगी
तुम्हें वापिस छोर पर लेन की
हम भी रहेंगे हर पल साये की तरह तेरे आस पास
जब तक तेरे जैसे दोस्त को वापिस पाने की रहेगी मन में आस
तो कैसा हो सकता है तेरा ये दोस्त निराश
तुम जो वापिस आ जाओ दोस्त बनकर
तो कसम है खुदा की अभिलाषा नहिएँ होगी कुच्छ भी और पाने की
देख के हमारे दोस्ती को एक दिन
खुदा की भी हिम्मत न होगी किसी को आजमाने की…
" तेरी मेरी दोस्ती को याद करेगा ज़माना
खुदा को भी एक दिन
तुझे वापिस देकर होगा जाना
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ABHILASHA TUJHE PANE KI KABHI KAM NA HOGI
HUM SHAMA BANKAR TUMHARE UPAR MANDRATE RAHENGE
TUMHEIN VAPIS LANE KE LIYE HUM YUN HI JALNE AATE RAHENGE
TUM EK BAAR DEEPAK BANKAR TO DIKHAO
HUM APNI DOSTI KI KHATIR TERE HATHON HI MAUT PATE KE LIYE AATE RAHENGE
AGAR KABHI KOI TUFAAN BHI KOSHISH KAREGA TUMHEIN BUJHANE KI
TAB BHI YE DOSTI KAM NA HOGI TUMHEIN APNANE KI
JITANI BAAR TUFAAN TUMSE TAKRAYENGE YE HAR BAAR
MERE DIL MEIN TERE LIYE DOSTI KO BADHATE JAYENGE
DEKH KAR HUMARI DOSTI KO EK DIN KHUDA BHI TERI SANSEIN VAPIS DENE AAYEGA
JAB VO DEKHEGA TERI MERI DOSTI KO VO BHI APNE ANSU ROK NAHIEN PAYEGA
KITANI KOSHISH KARTA HAI SAMUNDER EK KASHTI KO DUBANE KI
VAPIS CCHHOR VO PAHUNCH JATI HAI VO KASHTI
AGAR KISI MEIN ABHILASHA HO USSE VAPIS CCHHOR PAR LANE KI
KYA HUA IS WAQT TUM SAMUNDER KI LEHARON SE LAD RAHE HO
PAR KASAM HAI KHUDA KI APNI BHI ABHILASHA KABHI KAM NA HOGI
TUMHEIN VAPIS CCHHOR PAR LANE KI
HUM BHI RAHENGE HAR PAL SAYE KI TARAH TERE AAS PASS
JAB TAK TERE JAISE DOST KO VAPIS PANE KI RAHEGI MAN MEIN AAS
TO KAISA HO SAKTA HAI TERA YE DOST NIRASH
TUM JO VAPIS AA JAO DOST BANKAR
TO KASAM HAI KHUDA KI ABHILASHA NAHIEN HOGI KUCCHH BHI AUR PANE KI
DEKH KE HUMARE DOSTI KO EK DIN
KHUDA KI BHI HIMMAT NA HOGI KISI KO AAJMANE KI…
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